एक लैंप से श्रेणीक्रम में जुड़ी चोक को एक dc लाइन से जोड़ा गया हे। लैंप तेजी से चमकता है। चोक में लोहे के क्रोड को प्रवेश कराने पर लैंप को दीप्ति में कोई अन्तर नहीं पड़ता है। यदि एक ac लाइन से लैंप का संयोजन किया जाये तो तदनुसार प्रेक्षणों की प्रागुक्ति कीजिए।
Exercise - 7.22
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स्रोत की आवृत्ति को एक श्रेणीबद्ध LCR परिपथ की अनुनादी आवृत्ति के बराबर रखते हुए तीन अवयवों L,C को समान्तरक्रम में लगाते हैं। यह दर्शाइए कि समान्तर LCR परिपथ में इस आवृत्ति पर कुल धारा न्यूनतम है। इस आवृत्ति के लिए निर्दिष्ट स्रोत तथा अवयवों के लिए परिपथ की हर शाखा में धारा के rms मान को परिकलित कीजिए।
30 $\mu$F का एक आवेशित संधारित्र 27 mH के प्रेरित्र से जोड़ा गया है। संधारित्र पर प्रारम्भिक आवेश 6 mC है। प्रारम्भ में परिपथ में कुल कितनी ऊर्जा संचित होती है। बाद में कुल ऊर्जा कितनी होगी?
एक 44 mH का प्रेरित्र 220 V, 50 Hz आपूर्ति से जोड़ा गया है। परिपथ में धारा के rms मान को ज्ञात कीजिए।.तथा एक पूरे चक्र की अवधि में प्रत्येक परिपथ में कितनी नेट शक्ति अवशोषित होती है? अपने उत्तर का विवरण दीजिए।
एक परिपथ को जिसमें 80 mH का एक प्रेरक तथा 60 $\mu$ F को संधारित्र श्रेणीक्रम में हैं, 230 V, 50 Hz की आपूर्ति से जोड़ा गया है। परिपथ का प्रतिरोध नगय है। प्रतिरोध 15 W है। परिपथ के हर अवयव को स्थानान्तरित माध्य शक्ति तथा सम्पूर्ण अवशोषित शक्ति को परिकलित कीजिए।
440 V पर शक्ति उत्पादन करने वाले किसी विद्युत संयंत्र से 15 किमी. दूर रिथत एक छोटे से कस्थे में 220 V पर 800 kW शक्ति की आवश्यकता है। विद्युत शक्ति ले जाने वाली दोनों तार की लाइनों का प्रतिरोध 0.5 $\Omega$ प्रति किलोमीटर है। कस्बे को उप-स्टेशन में लगे 4,000 - 220 V अपचयी ट्रांसफार्मर से लाइन द्वारा शक्ति पहुँचती है।
ऊष्मा के रूप में लाइन से होने वाली शक्ति के क्षय का आकलन कीजिए।
संयंत्र से कितनी शक्ति की आपूर्ति की जानी चाहिए, यदि क्षरण द्वारा शक्ति का क्षय नगण्य है।
संयंत्र के उच्चायी द्रांसफार्मर की विशेषता बतलाइए।
यदि परिपथ को 110 V, 12 KHz आपूर्ति से जोड़ा जाए तो
परिपथ में अधिकतम धारा कितनी है? तथा
धारा शीर्ष व वोल्टेज शीर्ष के बीच समय-पश्चता कितनी है?
इससे इस कथन की व्याख्या कीजिए कि अति उच्च आवृत्तियों पर एक संधारित्र चालक होता है। इसकी तुलना उस व्यवहार से कीजिए जो किसी dc परिपथ में एक संधारित्र प्रदर्शित करता है।
एक श्रेणीबद्ध LCR परिपथ के लिए जिसमें L = 3.0 H, C = 27 $\mu$ F तथा R = 7.4 $\Omega $अनुनादी आवृत्ति तथा Q कारक निकालिए। परिपथ के अनुनाद की तीक्ष्णता को सुधारने की इच्छा से अर्ध उच्चिष्ठ पर पूर्ण चौड़ाई को 2 गुणक द्वारा घटा दिया जाता है। इसके लिए उचित उपाय सुझाइए।
एक जल विद्युत शक्ति संयंत्र में जल दाब शीर्ष $300$ मी. की ऊँचाई पर है तथा उपलब्ध जल प्रवाह $100$ मी$^3/$ से$^{-1}$ है। यदि टर्बाइन जनित्र की दक्षता $60\%$ हो तो संयंत्र से उपलब्ध विद्युत शक्ति का आकलन कीजिए। $g = 9.8$ मी/ से.$^{-2}।$
किसी LC परिपथ में 20mH का एक प्रेरक तथा 50 $\mu$ F का एक संधारित्र है जिस पर प्रारम्भिक आवेश 10 mC है। परिपथ का प्रतिरोध नगण्य है। मान लीजिए कि वह क्षण जिस पर परिपथ बन्द किया जाता है t = 0 है।
प्रारम्भ में कुल कितनी ऊर्जा संचित है? क्या यह LC दोलनों की अवधि में संरक्षित है?
परिपथ की मूल आवृत्ति क्या है?
किसी समय पर संचित ऊर्जा
पूरी तरह से वैद्युत है (अर्थात् वह संधारित्र में संचित है)?
पूरी तरह से चुम्बकीय है (अर्थात् प्रेरक से संचित है)?
किन समयों पर सम्पूर्ण ऊर्जा प्रेरक एवं संधारित्र के मध्य समान रूप से विभाजित है?
यदि एक प्रतिरोधक को परिपथ में लगाया जाए तो कितनी ऊर्जा अन्तत: ऊष्मा के रूप में क्षयित होगी?