एक परिनालिका में i धारा प्रवाह से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B है। परिनालिका की लम्बाई व फेरों की संख्या को दुगुना करने पर, वहीं चुम्बकीय क्षेत्र प्राप्त करने के लिए प्रवाहित धारा करनी पड़ेगी -
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