एक परमाणु द्रव्यमान मात्रक के समतुल्य ऊर्जा का मान पहले जूल और फिर MeV में ज्ञात कीजिए। इसका उपयोग करके $ { }_{8}^{16} \mathrm{O}$ की द्रव्यमान क्षति $\mathrm{MeV} / \mathrm{c}^{2}$ में व्यक्त कीजिए।
उदाहरण - 13.3
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    एक रेडियोएक्टिव समस्थानिक की अर्धायु T वर्ष है। कितने समय के बाद इसकी ऐक्टिवता, प्रारम्भिक ऐक्टिवता की
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  • 4
    ${ }_{10}^{23} \mathrm{Ne}$ का नाभिक, $\beta$-उत्सर्जन के साथ क्षयित होता है। इस $\beta$-क्षय के लिए समीकरण लिखिए और उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए। m$\left({ }_{10}^{23} \mathrm{Ne}\right)$ = 22.994466 u; m$\left({ }_{11}^{23} \mathrm{Na}\right)$ = 22.089770 u.
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    नियॉन के तीन स्थायी समस्थानिकों की बहुलता क्रमश : 90.51%, 0.27% एवं 9.22% है। इन समस्थानिकों के परमाणु द्रव्यमान क्रमश : 19.99 u, 20.99 u एवं 21.99 u हैं। नियॉन का औसत परमाणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
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  • 7
    मान लीजिए कि भारत का लक्ष्य 2020 तक 200,000 MW विद्युत शक्ति जनन का है। इसका 10% नाभिकीय शक्ति संयंत्रों से प्राप्त होना है। माना कि रिएक्टर की औसत उपयोग दक्षता (ऊष्मा को विद्युत में परिवर्तित करने की क्षमता) 25% है। 2020 के अंत तक हमारे देश को प्रति वर्ष कितने विखंडनीय यूरेनियम की आवश्यकता होगी। ${ }^{235}U$ प्रति विखंडन उत्सर्जित ऊर्जा 200 MeV है।
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    न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा (Separation energy), परिभाषा के अनुसार, वह ऊर्जा है जो किसी नाभिक से एक न्यूट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक होती है। नीचे दिए गए आँकड़ों का इस्तेमाल करके ${ }_{20}^{41} \mathrm{Ca}$ एवं ${ }_{13}^{27} \mathrm{Al}$ नाभिकों की न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
    $m\left({ }_{20}^{40} \mathrm{Ca}\right)$ = 39.962591 u m$\left({ }_{20}^{41} \mathrm{Ca}\right)$= 40.962278 u
    $m\left({ }_{13}^{26} \mathrm{Al}\right)$ = 25.986895 u $m\left({ }_{13}^{27} \mathrm{Al}\right)$= 26.981541 u
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    यदि प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या, प्रत्येक नाभिकीय अभिक्रिया में संरक्षित रहती है, किसी नाभिकीय अभिक्रिया में किस प्रकार द्रव्यमान, ऊर्जा में (या इसका उलटा) बदलता है?
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    ${ }_{29}^{63} \mathrm{Cu}$ परमाणुओं का बना है $\left({ }_{29}^{63} \mathrm{Cu}\right.$ का द्रव्यमान = 62.92960 u)
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