समीकरण $R = R_0A^\frac{1}{2}$ के आधार पर, दर्शाइए कि नाभिकीय द्रव्य का घनत्व लगभग अचर है $($अर्थात् $A$ पर निर्भर करता है$)$ यहाँ $R_0$ एक नियतांक है एवं $A$ नाभिक की द्रव्यमान संख्या है।
Exercise - 13.21
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किसी नाभिक से $\beta^{+}$(पॉजिट्रॉन) उत्सर्जन की एक अन्य प्रतियोगी प्रक्रिया है जिसे इलेक्ट्रॉन परिग्रहण (Capture) कहते हैं (इसमें परमाणु की आंतरिक कक्षा, जैसे कि K-कक्षा, से नाभिक एक इलेक्ट्रॉन परिगृहीत कर लेता है और एक न्यूट्रिनों, $\nu$ उत्सर्जित करता है $e^{+}+{ }_{Z}^{A} X$$\rightarrow{ }$$_{Z-1}^{A} Y+\nu$ दर्शाइए कि यदि $\beta^{+}$ उत्सर्जन ऊर्जा विचार से अनुमत है तो इलेक्ट्रॉन परिग्रहण भी आवश्यक रूप से अनुमत है, परंतु इसका विलोम अनुमत नहीं है।
दो ड्यूट्रॉनों के आमने-सामने की टक्कर के लिए कूलॉम अवरोध की ऊँचाई ज्ञात कीजिए। (संकेत-कूलॉम अवरोध की ऊँचाई का मान इन ड्यूट्रॉन के बीच लगने वाले उस कूलॉम प्रतिकर्षण बल के बराबर होता है जो एक-दूसरे को संपर्क में रखे जाने पर उनके बीच आरोपित होता है। यह मान सकते हैं कि ड्यूट्रॉन 2.0 fm प्रभावी त्रिज्या वाले दृढ़ गोले हैं।)
सामान्य विचार है कि केवल नाभिकीय क्रिया में ही द्रव्यमान-ऊर्जा एक दूसरे में बदले जा सकते हैं जबकि रासायनिक क्रिया में यह कभी नहीं होता है। यह कहना असत्य है। समझाइए।
यदि प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या, प्रत्येक नाभिकीय अभिक्रिया में संरक्षित रहती है, किसी नाभिकीय अभिक्रिया में किस प्रकार द्रव्यमान, ऊर्जा में (या इसका उलटा) बदलता है?
जीवित कार्बनयुक्त द्रव्य की सामान्य ऐक्टिवता, प्रति ग्राम कार्बन के लिए 15 क्षय प्रति मिनट है। यह ऐक्टिवता, स्थायी समरथानिक ${ }_{6}^{14} \mathrm{C}$ के साथ-साथ अल्प मात्रा में विद्यमान रेडियोऐक्टिव ${ }_{6}^{12} \mathrm{C}$के कारण होती है। जीव की मृत्यु होने पर वायुमण्डल के साथ इसकी अन्योन्य क्रिया (जो उपर्युक्त संतुलित ऐक्टिवता को बनाए रखती है) समाप्त हो जाती है, तथा इसकी ऐक्टिवता कम होनी शुरू हो जाती है। ${ }^{14}{ }^{14} \mathrm{C}$ की ज्ञात अर्धायु (5730 वर्ष) और नमूने की मापी गई ऐक्टिवता के आधार पर इसकी सन्निकट आयु की गणना की जा सकती है। यही पुरातत्व विज्ञान में प्रयुक्त होने वाली ${ }_{6}^{14} \mathrm{C}$ कालनिर्धारण (dating) पद्धति का सिद्धान्त है। यह मानकर कि मोहनजोदड़ों से प्राप्त किसी नमूने की ऐक्टिवता 9 क्षय प्रति मिनट प्रति ग्राम कार्बन है। सिंधु घाटी सभ्यता के सन्निकट आयु का मिनट प्रति ग्राम आकलन कीजिए।
नियॉन के तीन स्थायी समस्थानिकों की बहुलता क्रमश : 90.51%, 0.27% एवं 9.22% है। इन समस्थानिकों के परमाणु द्रव्यमान क्रमश : 19.99 u, 20.99 u एवं 21.99 u हैं। नियॉन का औसत परमाणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
किसी 1000 MW विखंडन रिएक्टर के आधे ईधन का 5.00 वर्ष में व्यय हो जाता है। प्रारंभ में इसमें कितना ${ }_{92}^{235}$ U था? मान लीजिए कि रिएक्टर 80% समय कार्यरत रहता है; इसकी सम्पूर्ण ऊर्जा $ { }_{92}^{235}$ U के विखंडन से ही उत्पन्न हुई है; तथा $ { }_{92}^{235} $U न्यूक्लाइड केवल विखंडन प्रक्रिया में ही व्यय होता है।