एक प्ररूपी पादप में भ्रूण बीजाण्ड में भ्रूणकोश के बीजांड द्वार सिरे पर विकसित होता है।

द्विबीजपत्री भ्रूण में एक भ्रूणीय अक्ष तथा दो बीजपत्र होते हैं। भ्रूणीय अक्ष का बीजपत्रों के तल से ऊपर का भाग बीजगोपरिक (epicotyly) कहलाता है। इसके शीर्ष को प्रांकुर या स्तम्भ शीर्ष कहा जाता है। भ्रूणीय अक्ष के बीजपत्रों के तल से नीचे का बेलनाकार भाग को बीजपत्राधार कहते हैं। बीजपत्राधार का नीचे वाला शीर्ष भाग मूलांकुर (radical) या मूल शीर्ष के रूप में होता है। मूलशीर्ष मूलगोप द्वारा ढका रहता है। भ्रूणीय अक्ष के दोनों पाश्वों में दो बीज पत्र लगे होते हैं।