एक विद्युत चुम्बकीय तरंगों की आवृत्ति, $n$ तथा तरंग दैर्ध्य $\lambda$ है । यह हवा में $v$ वेग से चलता हुआ $\mu$ अपवर्तनांक वाले काँच में जाता है। कांच में इसकी आवृत्ति, तरंगदैधर्य तथा वेग ज्ञात करो
[1997]
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(a) जब वैद्युत चुम्बकीय तरंग किसी माध्यम में जाती है तो उसकी आवृत्ति अपरिवर्तित रहती है तथा उसका वेग व तरंगदैध्ध्य $\frac{1}{\mu}$ गुना हो जाती है।
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\lambda^{\prime}=\lambda / \mu ; \quad v^{\prime}=v / \mu
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अपवर्तनांक $\mu$ के एक पारदर्शी माध्यम से चलती हुई प्रकाश की एक किरण, इस माध्यम और वायु को पृथक करने वाली सतह पर $45^{\circ}$ के कोण पर टकराती है। अपवर्तनांक $\mu$ के किस मान के लिए इस किरण का पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो जायेगा?
एक सूक्ष्मदर्शी को कागज पर बने एक निशान पर फोकस करने के उपरान्त इस निशान पर $1.5$ अपवर्तनांक के काँच के 3 सेमी मोटे स्लैब को रखा गया है। अब सूक्ष्मदर्शी में क्या स्थानान्तरण किया जाए कि निशान फिर से फोकस में आ जाए ?
सामान्य समायोजन की स्थिति में, किसी खगोलीय दूरदर्शक के अभिदश्यक लेंस के भीतरी भाग पर $L$ लम्बार्ई के एक काली सरता रेखा खिची गर्ई है। नेत्रिका इस सरल रेखा का वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाती है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई $l$ है तो दूरदर्शक का आवर्थन है :
एक लेंस, प्रकाश स्रोत्र तथा दीवार के बीच रखा है। यह लेंस के दो भिन्न स्थितियों दीवार पर $A _1$ तथा $A _2$ क्षेत्रफल के दो प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रकाश स्रोत्र का क्षेत्रफल होगा
एक पारदर्शी छड़ का अपवर्तनांक $n$ है। इसमें प्रकाश अन्दर जाता है। अपवर्तनांक का मान क्या होगा यदि प्रकाश दूसरे सिरे से बाहर न निकले चाहे आपतन कोण का मान कुछ भी क्यों न हो?
एक काँच के ब्लॉक के एक पृष्ठ को पौलिश किया गया है। इसकी मोटाई $6$ सेमी है। एक वस्तु पहले पृष्ठ से $8$ सेमी दूर रखी गयी है, पॉलिश पृष्ठ के $12$ सेमी पीछे इसका प्रतिबिम्ब बनता है । कांच का अपवर्तनांक होगा:
दो माध्यमों $M_1$ और $M_2$ में प्रकाश की चाल क्रमशः $1.5 \times 10^8 m / s$ और $2.0 \times 10^8 m / s$ है। प्रकाश की एक किरण माध्यम $M_1$ से $M_2$ में $i$ आपतन कोण पर प्रवेश करती है। यदि इस किरण का पूर्ण आतंरिक परावर्तन हो जाता है तो, ' $i$ ' का मान है
कोई लड़का कागज़ पर एक समउत्तल लैंस द्वारा सूर्य किरणों को फोकस कर आग जलाना चाहता है। लैंस की फोकस दूरी $10 cm$ है। सूर्य का व्यास $1.39 \times 10^9 m$ है और इसकी पृथ्वी से मध्यमान दूरी $1.5 \times 10^{11} m$ है। सूर्य के कागज़ पर प्रतिबिम्ब का व्यास होगा: