कोई लड़का कागज़ पर एक समउत्तल लैंस द्वारा सूर्य किरणों को फोकस कर आग जलाना चाहता है। लैंस की फोकस दूरी $10 cm$ है। सूर्य का व्यास $1.39 \times 10^9 m$ है और इसकी पृथ्वी से मध्यमान दूरी $1.5 \times 10^{11} m$ है। सूर्य के कागज़ पर प्रतिबिम्ब का व्यास होगा:
[2008]
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(a) $\left|\frac{ v }{ u }\right|$
$\Rightarrow$ प्रतिबिम्ब की ऊँचाई= $\left|\frac{ v }{ u }\right| \times$ वस्तु की ऊँचाई $=\frac{10^{-1}}{1.5 \times 10^{11}} \times 1.39 \times 10^9$ $=0.92 \times 10^{-3}$ मी $=9.2 \times 10^{-4}$ मी
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एक दूरदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स का व्यास 10 सेमी है तथा यह दो वस्तुओं से 1 किमी दूरी पर स्थित है। दूरदर्शी द्वारा विभेदित दोनों वस्तुओं के बीच की न्यूनतम दूरी, जब प्रकाश की माध्य तरंगदैर्ध्य $5000 A$ है, होगी:
प्रिज्म के किसी अपवर्तक पृप्ठ पर किसी प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण का मान $45^{\circ}$ है। प्रिज्म कोण का मान $60^{\circ}$ है। यदि यड किरण प्रिज्म से न्यूनतम विचतित होती है, तो न्यूनतम विचलन कोण तथा प्रिज्म के प्रदार्थ का अपवर्त्तनांक क्रमश: हैः
एक प्रिज्म का अपवर्तनांक $\sqrt{2}$ तथा आपतन कोण $30^{\circ}$ है। एक समतल को पोलिश कर दिया गया। एक वर्णी प्रकाश तरंग अपने पथ को वापस पार करती है यदि आपतन कोण का मान होगा :
एक प्रकाशदीप्त वस्तु उत्तल लेंस से $f =20$ सेमी दूरी पर रखी है। लेंस के दूसरी तरफ एक 10 सेमी वक्रता त्रिज्या का उत्तल दर्पण रखा है। बताओ इसकी दूरी लेंस से क्या होगी कि प्रतिबिम्ब वस्तु की जगह पर हीं बने
एक प्रिज्म जिसका कोण $A$ है, के एक समतल पर एक किरण आपतन कोण बनाते हुए आती है तथा वह दूसरे समतल के लम्बवत बाहर निकलती है। यदि प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक $\mu$ हो तो आपतन कोण $i$ का मान लगभग होगा:
$60^{\circ}$ के किसी प्रिज्म पर प्रकाश की एक किरण अल्पतम् विचलन की स्थिति पर आपतित होती है। पहले पाश्र्व (फलक) पर (अर्थात् आपतन पाश्र्व पर) अपवर्तन कोण है