(b) गुणसूत्रों पर स्थित जीनों का आलेखन इस मान्यता पर आधारित होता है कि जीन्स गुणसूत्र पर व्यवस्थित होते हैं तथा पारगमन की (पुनर्संयोजन आवृत्ति) प्रतिशतता दो जीनों के बीच के मध्य उनकी दूरी की अनुक्रमानुपाती होती है। जीनों के बीच दूरी मैप (आलेख) इकाई के रूप में व्यक्त की जाती है जहाँ एक मैप यूनिट एक प्रतिशत पुनर्संयोजन के रूप में परिभाषित की जाती है।