फोटो-इलैक्ट्रिक सेल के कैथोड पर 300 नैनो मीटर तरंगदैर्ध्य का प्रकाश डाला जाता है तो फोटोइलैक्ट्रान निकलते हैं। जबकि दूसरे सेल के लिए यही काम 600 नैनो मीटर तरंगदैध्ध्य से होता है। दोनों के कार्यफलनों की तुलना करो।
[1993]
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(b) $W _0=\frac{ hc }{\lambda_0}$ or $W _0 \propto \frac{1}{\lambda_0}$
$ \frac{ W _1}{ W _2}=\frac{\lambda_2}{\lambda_1}=\frac{600}{300}=2 $
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  • 1
    किसी धातु का कार्य फलन $1.8 eV$ है। इससे प्रकाश विद्युत उत्सर्जन में उत्पन्न इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम ऊर्जा $0.5 eV$ है। इसका संगत निरोधी (अंतक) विभव होगा:
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  • 5
    किसी इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनों को $25\ kV$ की वोल्टता से त्वरित किया जाता है। यदि वोल्टता को बढ़ा कर $100\ kV$ कर दिया जाये तो इलेक्ट्रॉनों से संबद्ध डी$-$ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य का मान :
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    निम्न में से कौन-सा तथ्य ठीक है-
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  • 10
    हाइड्रोजन अणु के बोर मॉंडल में एक इलैक्ट्रॉन माना $n ^{\text {th }}$ कक्षक में है। इस कक्षा की परिधि को डी-ब्रागली तरंगदैर्ध्य $\lambda$ के पद मे व्यक्त किया जा सकता है
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