करोड़ों, वर्षों में, उच्च दाब पर ऑक्सीजन के बिना जैवमात्रा की अधोगति के परिणामास्वरूप जीवाश्मी ईंधन अर्थात् कोयला तथा पेट्रोलियम का निर्माण होता है। क्योंकि ये संसाधन अत्यधिक तीव्र गति से उपभुक्त हो रहे हैं, अतः इनके निकट भविष्य में समाप्त होने की प्रबल संभावना है अतः इनके संरक्षण की आवश्यकता है।