$(i)$ अपचायक के प्रयोग के बिना फॉर्मेल्डिहाइड से मेथेनॉल किस प्रकार बनाया जा सकता है$?$
$(ii)$ फेलिंग विलयन में रोशेल लवण क्यों मिलाया जाता है$?$
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$(i)$ फॉर्मेल्डिहाइड $\text{(HCHO)}$ की सान्द्र $\text{NaOH}$ के साथ अभिक्रिया से केनिजारो अभिक्रिया होकर मेथेनॉल $(CH_3OH)$ तथा सोडियम फॉर्मेट बनता है। इस अभिक्रिया में प्रयुक्त $\text{NaOH}$ अपचायक नहीं है।
$\ce{2 HCHO + NaOH \longrightarrow CH _3 OH + HCOONa}$
$\qquad\qquad$ सान्द्र
$(ii)$ फेलिंग विलयन में क्षारीय माध्यम होता है तथा क्षारीय माध्यम में $Cu ^{2+}$ आयन $Cu ( OH )_2$ के रूप में अवक्षेपित हो जाते हैं। अतः रोशेल लवण मिलाने पर $Cu ^{2+}$ तथा रोशेल लवण के मध्य संकुल बन जाता है जिससे $Cu ^{2+}$ अवक्षेप के रूप में न रहकर विलयन में आ जाते हैं अन्यथा परीक्षण में बाधा उत्पन्न होगी।
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(i) ऐसी दो विधियाँ बताइए जिनसे $> C = O$ समूह $> CH _2$ में परिवर्तित हो जाता है। (ii) ऐल्डिहाइडों के शोधन में सोडियम बाइसल्फाइट का प्रयोग क्यों किया जाता है?