इमर्सन दीर्घीकरण प्रभाव और लाल बूंद (रेड ड्राप) किसकी खोज में प्रमुख यंत्र रहे हैं?
[2016]
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(b) $700 nm$ से उपर की तरंग दैर्ध्य में स्पप्टत: इतनी ऊर्जा नहीं टोती टै कि प्रकाशसंश्लेपण की क्रिया के किसी भाग का संपादन कर सके । अत: $700 nm$ पर क्रियाशीलता में बडुत कमी देखी गई है। इस घटना को 'रेड ड्रॉप इफेक्ट' के नाम से जाना जाता है। दूसरे शब्दों में हम यट कह सकते हैं कि $680 nm$ से ज्यादा की तरंग दैर्ध्य पर क्वांटम में अत्यधिक गिरावट पायी जाती है। प्रति प्रकाश अवशोपित क्वांटा में मुक्त आक्सीजन अणुआं की संख्या प्रकाशसंश्लेपण की उत्पादन कटलाती है। इस प्रभाव का अवलोकन सर्वप्रथम राबर्ट एमर्सन द्वारा किया गया। तत्पश्चात इनके शोधकर्ता समूट ने पाया कि यदि क्लोरेला पादप को अपर्याप्त अवरक्त प्रकाश तथा छोटी तरंगदैर्ध्य वाले लाल प्रकाश एकान्तर क्रम में दिया जाता है, तो यद पाया गया कि क्वांटम उत्पादन अन्य प्रकाश की तुलना में अविक था। इस सटक्रियात्मक प्रभाव या वृद्धि को EEE अथवा एमर्सन एंटांसमेंट इफेक्ट' कहा जाता है। यट प्रथम अच्छा प्रमाण था कि दो प्रकाश तंत्र टोते हैं; एक अवरक्त प्रकाश तथा अन्य लाल प्रकाश को अवशोपित करता है तथा प्रकाश संश्लेपण के प्रभावी रूप से संचालन टेतु दोनों की क्रियाशीलता आवश्यक दै।
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निम्नलिखित चार कथनों A, B, C तथा D को पढ़िये तथा वह एक विकल्प चुनिए जिसमें दोनों कथन सही दिये गये हैं- कथनः (A) प्रकाश प्रक्रिया की $Z$ स्कीम केवल PSI की उपस्थिति में ही होती है। (B) चक्रीय फोटोफोस्फोरिलेशन में केवल PSI ही क्रियाशील होता है। (C) चक्रीय फोटोफोस्फोरिलेशन के फलस्वरूप ATP तथा $NADPH _2$ का निर्माण होता है (D) स्ट्रोमा लैमीली में PS II तथा NADP दोनों ही नहीं होते। विकल्प :