प्रसिद्ध समाज सुधारक ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के नेतृत्व में विधवा विवाह के पक्ष में आंदोलन चलाया गया। इसके लिए उन्होंने प्राचीन ग्रंथों का हवाला दिया । ऐसा करते हुए वह वास्तव में ऐसे सामाजिक प्रचलन को समाप्त करना चाहते थे जिस पर धर्म की मुहर लगा दी गई थी।
राजा राममोहन राय की तरह ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ने भी धर्म के वास्तविक रूप को इन सुधारों का आधार बनाने का प्रयास किया ताकि ये सामाजिक बदलाव धर्म विरोधी नहीं लगे।
राजा राममोहन राय की तरह ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ने भी धर्म के … वास्तविक रूप को इन सुधारों का आधार बनाने का प्रयास किया ताकि ये – सामाजिक बदलाव धर्म विरोधी नहीं लगे।
ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के द्वारा विधवा पुनर्विवाह को मान्यता प्रदान करवाने का श्रेय दिया जाता है। अंग्रेज सरकार ने उनके सझाव को मानते हए वर्ष 1856 में विधवा विवाह के पक्ष में एक कानन पारित कर दिया।
ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के प्रयासों के कारण ही बाद में ‘ऐज ऑफ कन्सेंट’ (सहमति आयु विधेयक) कानून लागू हुआ जिसके परिणामस्वरूप – बाद में ‘नेटिव मैरेज एक्ट’ पारित हुआ। इसके तहत लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष एवं लड़कों के लिए 18 वर्ष तय हुई।