जातिगत असमानता में एक जाति समूह के लोग एक या मिलते-जुलते पेशों के होते हैं। पेशों के वंशानुगत विभाजन को रीति-रिवाजों की मान्यता प्राप्त है। दूसरे, जातिगत असमानता में एक जाति-समूह को एक अलग सामाजिक समुदाय के रूप में देखा जाता है। अन्य जाति समूहों में उनके बच्चों के साथ विवाह और खान-पान के सम्बन्ध नहीं होते हैं।