राजस्थान में झीलें-राजस्थान में झीलें भी जल संसाधन का प्रमुख रूप हैं। यहाँ अनेक झीलें पाई जाती हैं। इन्हें दो भागों में बांटा जा सकता है
(1) मीठे पानी की झीलें-उदयपुर में मीठे पानी की अनेक झीलें हैं जिसके कारण इसे 'झीलों का नगर' भी कहा जाता है। यहाँ पिछोला, उदयसागर, फतहसागर, गोवर्धनसागर, रंगसागर, स्वरूपसागर, जनासागर आदि झीलें प्रमुख हैं जिन्हें नहर बनाकर आपस में जोड़ा भी गया है। इससे वर्षा ऋतु में जल एक के बाद, दूसरी झील में चला जाता है। मेवाड़ के महाराणा जयसिंहजी ने सन् 1687 से 1691 ई. तक गोमती नदी पर जयसमंद झील का निर्माण करवाया। यह विश्व की मीठे पानी की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील मानी जाती है। राजसमंद जिले में स्थित राजसमंद झील भी प्रसिद्ध है, जिसके उत्तरी भाग को नौ चौकी भी कहा जाता है। अजमेर में स्थित पुष्कर एक धार्मिक महत्त्व की प्राकृतिक झील है। आनासागर भी अजमेर की एक प्रसिद्ध झील है। सिरोही के माउंट आबू में स्थित नक्की झील राज्य में सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित प्राकृतिक झील
इसके अतिरिक्त जोधपुर में बालसमंद, कायलाना एवं उम्मेदसागर; जैसलमेर में गढ़ीसर; डूंगरपुर में गेपसागर; बीकानेर में कोलायत; अलवर में सिलीसेढ़ आदि कई अन्य झीलें भी राज्य में महत्त्वपूर्ण जल संसाधन हैं।
(2) खारे पानी की झीलें-जयपुर, अजमेर एवं नागौर के मध्य सांभर झील, बाड़मेर में पचपदरा, नागौर में डीडवाना, बीकानेर में लूणकरणसर, जैसलमेर में पोकरण, जोधपुर में फलौदी आदि खारे पानी की प्रमुख झीलें हैं।