(a) कॉस्मिक किरणें कम तरंगदैर्ध्य व उच्च आवृत्ति की होती हैं।
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किसी प्रकाशवैन्युत पृप्ठ को क्रमश: $\lambda$ तथा $\frac{\lambda}{2}$ तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश से प्रदीप्त किया जाता है। यदि उत्सर्जित प्रकाश विद्युत इललोक्ट्रॉनो की अधिकतम गतिज ऊर्जा का मान, दूसरी दशा में पहली दशा से $3$ गुना है, तो इस पृष्ट के पदार्थ का कार्य फलन है:
$( h =$ प्लांक स्थिरांक$, c =$ प्रकाश का वेग$)$
किसी हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था $n$ से न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में संक्रमण करता है (कूदता) है। इससे विकिरित तरंगदैर्ध्य का प्रकाश एक ऐसे प्रकाशसंवेदी पदार्थ को प्रदीप्त करता है जिसका कार्यफलन $2.75 eV$ है। यदि प्रकाश विद्युत इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव $10 V$ है तो $n$ का मान होगा: