कृत्रिम पारितन्त्र वे पारितन्त्र हैं जिन्हें मनुष्य द्वारा अपने लाभ के लिए रूपान्तरित तथा व्यवस्थित किया जाता है।
खेत, वन्य क्षेत्रों के समरूप नहीं हैं क्योंकि उन्हें भिन्न-भिन्न फसलों को उगाने के लिए मनुष्य द्वारा तैयार किए जाता है।
मृदा को बीज बोने के लिए तैयार किया जाता है। सिंचाई की जाती है। तत्पश्चात् फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए उसको निरन्तर प्रेक्षित करना पड़ता है। अतः खेत एक कृत्रिम पारितन्त्र है।