लोकतंत्र में सामाजिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति एक सामान्य बात है। इसी से विभिन्न छोटे सामाजिक समूह, अपनी जरूरतों और परेशानियों को जाहिर कर सरकार का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं। सामाजिक विभाजनों की यह अभिव्यक्ति ऐसे विभाजनों के बीच संतुलन पैदा कर लोकतंत्र मजबूत करती है।