राजकीय आय का अभिप्राय राज्य अथवा सरकार को प्राप्त होनेवाली समस्त आय से है। आधुनिक सरकारों का उद्देश्य देश में लोककल्याणकारी कार्यों को कर आर्थिक विकास करना है। स्पष्ट है कि राजकीय आय अधिक होने पर ही सरकार विकास कार्यों में अधिक योगदान कर सकती है। अर्द्धविकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सरकार के सहयोग से ही सुदृढ़ आर्थिक संरचना का निर्माण किया जा सकता है।
आर्थिक विकास का राष्ट्रीय आय से घनिष्ठ संबंध है। देश के आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय आय में वृद्धि आवश्यक है। सामान्यता राष्ट्रीय आय में वृद्धि होने पर देशवासियों की प्रतिव्यक्ति आय भी बढ़ती है। इस प्रकार राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने पर देशवासियों के जीवन स्तर में सुधार होता है जो देश के आर्थिक विकास का सूचक है।
इस प्रकार किसी भी देश के आर्थिक विकास में राजकीय, राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति आय का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ये तीनों ही हमारे आर्थिक जीवन रहन-सहन के स्तर और विकास को प्रभावित करते हैं।