किसी माध्यम का अपवर्तनांक प्रकाश की चाल से किस प्रकार संबंधित है? किसी एक माध्यम का किसी अन्य माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक इन दोनों माध्यमों में प्रकाश की चाल से किस प्रकार संबंधित है। इसे व्यंजक द्वारा व्यक्त कीजिए।
examplar-23
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किसी माध्यम का अपवर्तनांक उस माध्यम में प्रकाश की चाल तथा निर्वात में प्रकाश की चाल की तुलना करता है। यह किसी माध्यम की प्रकाशिक सघनता नापता है। किसी माध्यम के द्रव्यमान घनत्व तथा प्रकाशित घनत्व में भ्रमित नहीं होना चाहिए।
तारपीन के तेल के लिए, इसका द्रव्यमान घनत्व जल से कम है परन्तु प्रकाशित सघनता जल से अधिक है।
अपवर्तनांक $(\mu) =$
निर्वात के लिए, अपर्वनांक $= 1$
यह सम्बन्ध स्नैल के नियम में भी प्रयोग किया गया है।
माना माध्यम अपवर्तनांक $u_1$ है $...$ तथा माध्यम 1 में प्रकाश की चाल v_$1$ है।
अतः $u_{1}=\frac{c}{v_{1}} ...(i)$
इसी प्रकार,
माना माध्यम का $2$ का अपवर्तनांक $u_2$ है $...$ तथा माध्यम $2$ में प्रकाश की चाल $v_2$ है।
अतः $u_{2}=\frac{c}{v_{2}} ...(ii)$
अब,
$\Rightarrow u_1 \sin i = u_2 \sin r$
$\Rightarrow \frac{\sin i}{\sin r}=\frac{u_{2}}{u_{1}} ($ समीकरण $(i)$ व $(ii)$ से$)$
$\Rightarrow \frac{\sin i}{\sin r}=\frac{c}{v_{2}} \times \frac{v_{1}}{c}$
$\Rightarrow \frac{\sin i}{\sin r}=\frac{v_{1}}{v_{2}}$
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प्रकरणों में गोलीय दर्पण अथवा लेंस के रूप में युक्ति की पहचान कीजिए, जबकि प्रत्येक प्रकरण में आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब बनता है बिंब युक्ति और इसके फोकस के बीच है तथा आवर्धित प्रतिबिंब इसके पीछे बनता है।
किसी पेंसिल को जब जल से भरे गिलास में डुबोते हैं तो वह वायु तथा जल के अंतरापृष्ठ पर मुड़ी हुई प्रतीत होती है। यदि इस पेंसिल को जल के स्थान पर किरोसिन अथवा तारपीन के तेल में डुबोएँ तो क्या यह इनमें भी इतनी ही मुड़ी प्रतीत होगी? अपने उत्तर की व्याख्या आरेख सहित कीजिए।
किसी लेंस की क्षमता एवं फोकस दूरी में क्या संबंध है? आपको क्रमशः 20 cm तथा 40 cm फोकस दूरी के दो लेंस दिए गए हैं। प्रकाश को अधिक अभिसरित करने के लिए इनमें से आप किसे उपयोग करेंगे?
20 cm फोकस दूरी का कोई उत्तल लेंस आवर्धित आभासी प्रतिबिंब के साथ-साथ आवर्धित वास्तविक प्रतिबिंब भी बना सकता है। क्या यह कथन सही है? यदि हाँ, तो दोनों प्रकरणों में प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को कहाँ रखा जाना चाहिए?
प्रकरणों में गोलीय दर्पण अथवा लेंस के रूप में युक्ति की पहचान कीजिए, जबकि प्रत्येक प्रकरण में आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब बनता है बिंब युक्ति और अनन्त के बीच स्थित है तथा छोटा प्रतिबिंब इस युक्ति के पीछे ध्रुव तथा फोकस के बीच बनता है।