किसी समतल दर्पण पर प्रकाश की किरण अभिलम्बवत् आपतित होती है तो परावर्तन कोण का मान होता है-
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(C) $0^{\circ}$
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एक सूक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक और नेत्र लेन्स की फोकस दूरियाँ क्रमशः 4 सेमी. और 8 सेमी. हैं तथा वस्तु की अभिदृश्यक से दूरी 4.5 सेमी. है, तो आवर्धन क्षमता होगी-
यदि संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक एवं नेत्रिका का आवर्धन क्रमशः ' $m_{ o }$ ' एवं ' $m_{ e }$ ' हो तो सूक्ष्मदर्शी की कुल आवर्धन क्षमता $(m)$ होगी –
$\lambda$ प्रकाश की एक किरण $\sqrt{2}$ अपवर्तनांक वाले प्रिज्म से इस प्रकार गुजरती है कि उसका आपतन कोण, अपवर्तन कोण का दो गुना है तथा किरण में न्यूनतम विचलन होता है। प्रिज्म का कोण होगा-