क्वथनांक उन्नयन इत्यादि विधियाँ (अणुसंख्यक गुण) केवल अवाष्पशील पदार्थों के लिए ही उपयुक्त होती हैं क्योंकि विलयन में वाष्पशील पदार्थ मिलाकर गर्म किया जाता है तो वाष्पशील पदार्थ, वाष्प बनकर बाहर निकल जाता है, जिससे इसके कारण क्वथनांक में उन्नयन ही नहीं होगा अतः इस विधि से वाष्पशील पदार्थ का मोलर द्रव्यमान ज्ञात नहीं कर सकते।