शुद्ध अवस्था में प्रत्येक पदार्थ का गलनांक तथा क्वथनांक निश्चित होता है। जब इसमें अवाष्पशील अशुद्धि मिली होती है तो क्वथनांक में वृद्धि तथा गलनांक में कमी हो जाती है, अशुद्धि की मात्रा बढ़ने पर ये मान भी उसी अनुपात में परिवर्तित हो जाते हैं, अतः गलनांक तथा क्वथनांक के मान से किसी पदार्थ में उपस्थित अशुद्धियों की जानकारी प्राप्त हो जाती है।