नहीं, किसी भी लोकतांत्रिक देश में स्वतंत्रता का अधिकार असीमित नहीं हो सकता । व्यक्ति के जिन विचारों से दुसरे वर्ग-सम्प्रदाय को ठेस पहुँचे और उसके जिन विचारों से राष्ट्र की अखंडता को खतरा पहुँचता है उन्हें सीमित किया जा सकता है। इसके लिए उसे दंडित भी किया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति या सरकार के कार्यों से यदि दूसरे के हित को खतरा पहुँचता है तो उसे सीमित करने के लिए देश की अदालत अपना दखल देती है।