मानव संसाधन का अर्थ है देश की कार्यशील जनसंठ्या का कौशल और योग्यताएँ । जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादन के सृजन : अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यताएँ एवं कौशल प्राप्त कर लत हैं तो वे संसाधन बन जाते हैं।
जब किसी भी व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के रूप में निवेश किया जाता है तो वह प्रशिक्षण, दक्षता एवं कौशल हासिल कर लेता है तो वह व्यक्ति राष्ट्र की संपत्ति बन जाता है। ऐसी स्थिति में वह संसाधन रूप में परिवर्तित हो जाता है। उदाहरण स्वरूप-छात्र रूपी मानव संसाधन को शिक्षा अभियंता, डॉक्टर, शिक्षक वकील आदि रूपों में परिवर्तित कर देती है, अर्थात मानव को पूँजी के रूप में परिवर्तित दिया जाता है । मानवीय पूँजी कुल राष्ट्रीय उत्पाद के निर्माण में सहायक होती है।