मापक क्या है ? मानचित्र के लिए इसका क्या महत्व है ? मापक को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न विधियों का विस्तृत वर्णन करें।
स्वाध्याय
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मापक मानचित्र पर किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की दूरी तथा पृथ्वी पर उन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात को कहते हैं। .. मानचित्र के लिए इसका महत्त्व-भूगोल को मानचित्र का विज्ञान भी कहते हैं। अत: मानचित्र बनाने के लिए मापक का उपयोग अनिवार्य है। भू-सर्वेक्षण के लिए भी मापक अनिवार्य होता है। मापक से किसी क्षेत्र के क्षेत्रफल की जानकारी प्राप्त होती है। मापक को प्रदर्शित करने की विभिन्न विधियाँ-
कथन विधि-इस विधि में मापक को एक कथन द्वारा व्यक्त किया जाता है । जैसे-1 सेमी =5 किलोमीटर या 1 ईंच = 18 मील आदि । 1 सेमी. = 5 किमी. का अर्थ यह है कि मानचित्र पर 1 सेमी की दूरी धरातल पर 5 किमी० की दूरी को प्रदर्शित करता है। यह एक सरलतम विधि है।
प्रतिनिधि भिन्न-इसे एक भिन्न द्वारा दिखाया जाता है। इसका ‘अंश’ हमेशा (एक रहता है और ‘हर’ इसके इकाई में होता है जैसे-1 सेंटीमीटर = 5 सेंटीमीटर RF (प्रतिनिधि भिन्न) Or, 1:500000.
रैखिक मापक-इस विधि को सरल विधि भी कहते है । जब हम मानचित्र पर सरल रेखा का सुविधानुसार विभागों में बाँट देते हैं । मुख्य या मूल भाग पर बड़ी इकाई जैसे-मील अथवा किलोमीटर तथा गौण या उपविभाग पर छोटी इकाई जैसे फलांग या मीटर दर्शाया जाता है।
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