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दो घटकों से विलयन का निर्माण किस प्रकार निरूपित किया जा सकता है।
(1) शुद्ध विलायक $\rightarrow$ विलगित विलायक के अणु, $\Delta H _1$
(2) शुद्ध विलेय $\rightarrow$ विलगित विलेय के अणु, $\Delta H _2$
(3) विलगित विलायक और विलेय के अणु $\rightarrow$ विलयन, $\Delta H _3$
इस प्रकार प्राप्त विलयन आदर्श होगा यदि
एक विलयन में $M _2$ अणु द्रव्यमान का अवाष्पशील विलेय है। परासरण दाब के पद में विलेय के अणु-द्रव्यमान की गणना में निम्नलिखित में से किस का प्रयोग किया जा सकता है।
बेंजीन एवं टॉलूर्डन के $1: 1$ आदर्श मोलर मिश्रण के संयोजन के लिये निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है, कल्पना करे कि तापमान $25^{\circ} C$ पर स्थिर है। (दिये गये दाब $25^{\circ} C$ पर बेन्जीन $=12.8 kPa$, टॉलूर्ईन $=3.85 kPa )$
सूक्रोज का $68.5 g$ जल के $1000 g$ में घुलाकर सूक्रोज (मोलर द्रव्यमान $=342 g mol ^{-1}$ ) का विलयन बनाया गया है। प्राप्त विलयन का हिमांक होगा।$\left(K_{ f }\right.$ जल $\left.=1.86 k kg mol ^{-1}\right)$.
$25^{\circ} C$ पर क्लोरोफार्म $\left( CHCl _3\right)$ तथा डाइक्लोरोमेथेन $\left( CH _2 Cl _2\right)$ के वाष्प दाब $200 mm Hg$ तथा $41.5 mm Hg$ हैं। $25.5 g CHCl _3$ के तथा $40 g CH _2 Cl _2$ के मिलाने पर प्राप्त विलयन का वाष्प दाब उसी ताप पर होगा, $CHCl _3$ का अणु भार $=119.5 u$ तथा $CH _2 Cl _2$ का अणु भार $=85 u$ है)