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दो घटकों से विलयन का निर्माण किस प्रकार निरूपित किया जा सकता है।
(1) शुद्ध विलायक $\rightarrow$ विलगित विलायक के अणु, $\Delta H _1$
(2) शुद्ध विलेय $\rightarrow$ विलगित विलेय के अणु, $\Delta H _2$
(3) विलगित विलायक और विलेय के अणु $\rightarrow$ विलयन, $\Delta H _3$
इस प्रकार प्राप्त विलयन आदर्श होगा यदि
$51.2 g$ बेंजीन में $1.00 g$ विद्युत अनअपघट्य (मोलर द्रव्यमान $=250 g mol ^{-1}$ ) घोला जाता है। यदि बेंजीन के हिमांक बिन्दु का अवनमन स्थिरांक $K _{ f }=5.12 kg mol ^{-1}$ है तो बेंजीन का हिमांक कितना कम होगा?
सोडियम कार्बोनेट $Na _2 CO _3$ का $25.3 g$ पर्याप्त जल में घुलाकर $250 mL$ विलयन बनाया जाता है। यदि सोडियम कार्बोनेट पूरी तरह से घुल जाता है तो सोडियम आयन,
$Na ^{+}$और कार्बोनेट आयन, $CO _3^{2-}$ की मोलर सांद्रता होती है क्रमशः $\left( Na _2 CO _3\right.$ का मोलर द्रव्यमान $=106 g mol ^{-1}$ )
सूक्रोज का $68.5 g$ जल के $1000 g$ में घुलाकर सूक्रोज (मोलर द्रव्यमान $=342 g mol ^{-1}$ ) का विलयन बनाया गया है। प्राप्त विलयन का हिमांक होगा।$\left(K_{ f }\right.$ जल $\left.=1.86 k kg mol ^{-1}\right)$.
बेंजीन एवं टॉलूर्डन के $1: 1$ आदर्श मोलर मिश्रण के संयोजन के लिये निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है, कल्पना करे कि तापमान $25^{\circ} C$ पर स्थिर है। (दिये गये दाब $25^{\circ} C$ पर बेन्जीन $=12.8 kPa$, टॉलूर्ईन $=3.85 kPa )$