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एक विलयन में पेंटेन तथा हेक्सेन के मोलों का अनुपात $1: 4$ है। शुद्ध हाइड्रोकार्बन के $20^{\circ} C$ पर पेंटेन का वाष्प दाब 400 मिमी $Hg$ तथा हेक्सेन का वाष्प दाब 120 मिमी $Hg$ है। वाष्पीय अवस्था में पेंटेन का मोल अंश होना चाहिए
एक प्रोटीन के $200 mL$ में इसका $1.26 g$. है। इस विलयन का $300 K$ पर परासरणी दाब $2.57 \times 10^{-3}$ बार पाया गया। प्रोटीन का मोलर द्रव्यमान होगा। $( R =0.083 L$ bar $mol ^{-1} K ^{-1}$ )
$25^{\circ} C$ पर क्लोरोफार्म $\left( CHCl _3\right)$ तथा डाइक्लोरोमेथेन $\left( CH _2 Cl _2\right)$ के वाष्प दाब $200 mm Hg$ तथा $41.5 mm Hg$ हैं। $25.5 g CHCl _3$ के तथा $40 g CH _2 Cl _2$ के मिलाने पर प्राप्त विलयन का वाष्प दाब उसी ताप पर होगा, $CHCl _3$ का अणु भार $=119.5 u$ तथा $CH _2 Cl _2$ का अणु भार $=85 u$ है)
सोडियम कार्बोनेट $Na _2 CO _3$ का $25.3 g$ पर्याप्त जल में घुलाकर $250 mL$ विलयन बनाया जाता है। यदि सोडियम कार्बोनेट पूरी तरह से घुल जाता है तो सोडियम आयन,
$Na ^{+}$और कार्बोनेट आयन, $CO _3^{2-}$ की मोलर सांद्रता होती है क्रमशः $\left( Na _2 CO _3\right.$ का मोलर द्रव्यमान $=106 g mol ^{-1}$ )
जल का हिमांक अवनमन स्थिरांक $-1.86^{\circ} C m ^{-1}$ है। यदि $5.00 g Na _2 SO _4$ को $45.0 g H _2 O$ में घोला जाता है तो हिमांक- $3.82^{\circ} C$ से परिवर्तित हो जाता है। $Na _2 SO _4$ के लिए वॉन्ट हॉफ गुणक की गणना कीजिए।
एक आयनिक यौगिक $Co \left( NH _3\right)_5\left( NO _2\right) Cl$ का एक $0.0020 m$ जलीय विलयन $-0.00732^{\circ} C$ पर हिमीभूत होता है। आयनों के मोलों की संख्या, जो 1 मोल आयनिक यौगिक पानी में घुलाने पर पैदा करेगा, होगी, $\left( K _{ f }=-1.86^{\circ} C / m \right):-$