सोडियम कार्बोनेट $Na _2 CO _3$ का $25.3 g$ पर्याप्त जल में घुलाकर $250 mL$ विलयन बनाया जाता है। यदि सोडियम कार्बोनेट पूरी तरह से घुल जाता है तो सोडियम आयन,
$Na ^{+}$और कार्बोनेट आयन, $CO _3^{2-}$ की मोलर सांद्रता होती है क्रमशः $\left( Na _2 CO _3\right.$ का मोलर द्रव्यमान $=106 g mol ^{-1}$ )
[2010]
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दो घटकों से विलयन का निर्माण किस प्रकार निरूपित किया जा सकता है।
(1) शुद्ध विलायक $\rightarrow$ विलगित विलायक के अणु, $\Delta H _1$
(2) शुद्ध विलेय $\rightarrow$ विलगित विलेय के अणु, $\Delta H _2$
(3) विलगित विलायक और विलेय के अणु $\rightarrow$ विलयन, $\Delta H _3$
इस प्रकार प्राप्त विलयन आदर्श होगा यदि
यूरिया (अणु भार $56 g / mol ^{-1}$ ) के विलयन को वायुमण्डलीय दाब पर $100.18^{\circ} C$ ताप पर गर्म किया जाता है। यदि जल के $K _{ f }$ तथा $K _{ b }$ क्रमशः $1.86$ तथा $0.512 K$ कि.ग्राम/मोल है तो दिया विलयन किस ताप पर जमेगा?
एक विलयन में पेंटेन तथा हेक्सेन के मोलों का अनुपात $1: 4$ है। शुद्ध हाइड्रोकार्बन के $20^{\circ} C$ पर पेंटेन का वाष्प दाब 400 मिमी $Hg$ तथा हेक्सेन का वाष्प दाब 120 मिमी $Hg$ है। वाष्पीय अवस्था में पेंटेन का मोल अंश होना चाहिए