निम्न में से किसकी सबसे कम लूईस क्षार की तरह व्यवहार करने की सम्भावना है?
[2013]
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अभिक्रिया
$Fe ( OH )_3( s ) \rightleftharpoons Fe ^{3+}( aq )+3 OH ^{-}( aq )$ में यदि
आयनों की सान्द्रता $\frac{1}{4}$ गुना कम कर दी जाए तो
साम्यावस्था में $Fe ^{3+}$ आयन की सान्द्रता बढ़ जायेगी:
यदि $K _1$ तथा $K _2$ क्रमशः दो अभिक्रियाओं
$XeF _6( g )+ H _2 O ( g ) \rightleftharpoons XeOF _4( g )+2 HF ( g )$
$XeO _4( g )+ XeF _6( g ) \rightleftharpoons XeOF _4( g )+ XeO _3 F _2( g )$
के साम्यावस्था स्थिरांक है तो अभिक्रिया
$XeO _4( g )+2 HF ( g ) \rightleftharpoons XeO _3 F _2( g )+ H _2 O ( g )$ का साम्यावस्था स्थिरांक होगा:
दो चरणों की उष्माक्षेपी अभिक्रिया
$
A _2( g )+ B _2( g ) \underset{\text { चरण 1 }}{\rightleftharpoons} 3 C ( g ) \underset{\text { चरण } 2}{\rightleftharpoons} D ( g )
$
के चरण (1) तथा (2) अनुकूल होंगे क्रमश:
एक क्षार $BOH$ का $25^{\circ} C$ ताप पर वियोजन स्थिरांक
$1.0 \times 10^{-12}$ है। क्षार के $0.01 M$ जलीय विलयन में $OH ^{-}$आयन की सान्द्रता निम्नलिखित होनी चाहिए:
गुणात्मक विश्लेषण में, ग्रुप I की धातुओं को क्लोराइड लवण के रूप में अवक्षेपित करके अन्य आयनों से पृथक किया जा सकता है। एक विलयन में प्रारम्भ में $Ag ^{+}$तथा $Pb ^{2+}$ आयन हैं जिनकी सान्द्रता $0.10 M$ है। इस विलयन में जलीय $HCl$ तब तक मिलाया जाता है जब तक कि $Cl ^{-}$की सान्द्रता $0.10 M$ नहीं हो जाती। $Ag ^{+}$तथा $Pb ^{2+}$ आयन की सान्द्रताएं साम्य पर क्या होगी?
$\left( AgCl\right.$ के लिए $K _{ sp }=1.8 \times 10^{-10}$ तथा $PbCl _2$ के लिए [2011 $K _{ sp }=1.7 \times 10^{-5}$ )
अभिक्रियाओं
$
X \rightleftharpoons Y + Z
$
$
A \rightleftharpoons 2 B
$
के लिए $Kp _1$ तथा $Kp _2$ के मान में $9: 1$ का अनुपात है। यदि $X$ तथा $A$ की वियोजन की मात्रायें बराबर हों तो साम्यावस्था (1)तथा (2) पर कुल दाबों में अनुपात है: