गेहूँ-गेहूँ दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य फसल है। गेहूँ शीतोष्ण फसल है। चावल की तरह ही चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा उत्पादक देश है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-रबी तथा अनाज की फसल।
- वर्षा-75 सेमी. से कम। फसल कटते समय वर्षा हानिकारक है।
- तापमान-बोते समय ठंडा तथा आर्द्र तापमान आवश्यक है। तापमान 10° सें. से 15° सें. तक होना चाहिए। गेहूँ काटते समय तापमान 20° सें. से 30° सें के मध्य होना चाहिए।
- मृदा-दोमट मिट्टी। जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
- उत्पादक राज्य-गेहूं की कृषि भारत की उत्तरी-पश्चिमी भागों तक सीमित है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी गुजरात तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश। अब,भारत गेहूँ के निर्यात की स्थिति में है। ।
कपास-भारत कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद इसका स्थान है। कपास ऊष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में पैदा की जाती है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं-
- फसल-खरीफ, रेशेवाली नकदी फसल।
- वर्षा- इसे 100 सेमी. के लगभग वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए अधिक तथा समान वितरित वर्षा की आवश्यकता होती है।
- तापमान-21° सें.। प्रचुर मात्रा में धूप के साथ एक समान उच्च तापमान। कपास के लिए 210 दिन पाला रहित होने चाहिए, क्योंकि पाला कपास की खेती के लिए हानिकारक है।
- मृदा-अच्छे जल निकास वाली गहरी काली मिट्टी, जिसमें नमी बनाए रखने की क्षमता हो।
- उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा अग्रणी राज्य हैं।
गन्ना- गन्ना, चीनी और गुड़ खान्डसारी प्रमुख स्रोत हैं। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-खरीफ तथा नकदी फसल।
- वर्षा- इसके लिए 75 से 100 सेमी. वर्षा उपयुक्त रहती है।
- तापमान-21°C-27°C
- मृदा-जलोढ़ तथा काली मृदा। गन्ने की कृषि के लिए श्रम की आवश्यकता अधिक होती है।
- उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक।
चाय-यह एक उष्ण तथा उपोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-खरीफ, पेय तथा नकदी फसल है।
- वर्षा-वार्षिक वर्षा 150 सेमी. से अधिक की आवश्यकता है।
- तापमान-चाय की पैदावार के लिए 20° सें. से 30° सें. के मध्य तापमान की – आवश्यकता होती है। उच्च आर्द्रता चाय की मुलायम पत्तियों के विकास के लिए अच्छी होती है।
- मृदा-गहरी तथा जल निकास वाली जलोढ़ मृदा। चाय के रोपण कृषि प्रायः ढालू भूमि पर की जाती है। चाय के लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है लेकिन उसकी जडों में पानी नहीं रुकना चाहिए। क्योंकि यह हानिकारक है।
- उत्पादक राज्य-असम, पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिले, राँची पठार (झारखंड), उत्तरांचल की दून घाटी, तमिलनाडु तथा केरल उत्पादक राज्य हैं।
जूट-जूट उंष्ण और आर्द्र जलवायु की फसल है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-खरीफ, रेशेवाली तथा नकदी फसल।
- वर्षा_ इसके लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। यह उन प्रदेशों में उगाया जाता है जहाँ 200 सें.मी. से अधिक वर्षा होती है।
- तापमान–20° सें. से 30° से. तापमान इसके उत्पादन के लिए उपयुक्त रहता है।
- मृदा- जल निकास की अच्छी जलोढ़ दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।
- उत्पादक राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा और मेघालय जूट उत्पादक राज्य हैं।