(d) स्पाइरोगायरा में कायिक तथा लैंगिक जनन होता है तथा अलैंगिक जनन अनुपस्थित होता है। कभी-कभी यह केवल एकाइनीट, एप्लैनोस्पोर्स तथा एजायगोस्पोर्स के निर्माण द्वारा होता है। कायिक जनन में स्पाइरोगायरा का लम्बा तन्तु कई छोटे तन्तुओं या टुकड़ों में विभाजित हो जाता है तथा प्रत्येक भाग एक नये स्पाइरोगायरा तन्तु का निर्माण करता है। स्पाइरोगायरा में लैंगिक जनन संयुग्मन (conjugation) विधि द्वारा होता है जो दो प्रकार का है: (i) सीढ़ीनुमा संयुग्मन (Scalariform conjugation) (ii) पार्श्व संयुग्मन (Lateral conjugation)