निम्नलिखित में से कौन सी व्यवस्था दिए गए परमाणुओं के इलेक्ट्रॉन ग्रहण ऐन्थैल्पी (ऋणात्मक चिन्ह सहित) के सही क्रम को प्रकट करती है।
[2005]
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(d) किसी प्रथक गैसीय परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन जोड़कर एकसंयोजी ऋणायन बनाने पर जो ऊर्जा मुक्त होती है उसे इलेक्ट्रॉन बंधुता कहते हैं। सामान्यतः आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान बढ़ता है। परन्तु यह स्थिति उन परमाणुओं के लिए अपवाद है जिनका इलेक्ट्रॉन विन्यास स्थायी है। ये परमाणु इलेक्ट्रॉनों के योग को रोकते हैं अतः इलेक्ट्रॉन बंधुता के निम्न मान दर्शाते हैं
$
\begin{aligned}
\mathrm{O}<\mathrm{S}<\mathrm{F} &<\mathrm{Cl} \\
-1.48-2.0 &-3.6-3.8
\end{aligned}
$
दूसरी तरफ $\mathrm{Cl}$, $\mathrm{F}$ की अपेक्षा में बड़े आकार का होने के कारण इलेक्ट्रॉन को आसानी से ग्रहण कर लेता है।
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एक तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास $1 \mathrm{~s}^{2} 2 \mathrm{~s}^{2} 2 \mathrm{p}^{6} 3 \mathrm{~s}^{2} 3 \mathrm{p}^{3}$ है। उस तत्व की परमाणु संख्या क्या है जो कि आवर्त्त सारणी में दिये गए तत्व के ठीक नीचे है।