परासरण के कारण विलायक निम्न सान्द्रता युक्त विलयन से उच्च सान्द्रता वाले विलयन की ओर गमन करता है। यहाँ अंगूर की कोशिका झिल्ली, अर्धपारगम्य झिल्ली की तरह व्यवहार करती है अतः अंगूर को नमक के सान्द्र विलयन में रखने पर जल अंगूर से बाहर आ जाता है, जिसके कारण वे सिकुड़ जाते हैं तथा इन्हें पुनः जल में डालने पर जल अंगूर में प्रवेश कर जाता है अतः वे फूलकर पुनः ताजा हो जाते हैं।