पौधों में पुष्पन होने में, दिन की लम्बाई का महत्व सर्वप्रथम किसमें प्रदर्शित किया गया था?
[2008]
Download our app for free and get startedPlay store
(b) दीप्तिकालिता का सर्वप्रथम अध्ययन 1920 में गार्नर एवं एलार्ड ने किया। उन्होंने देखा कि तम्बाकू की मैरीगोल्ड मैमोथ किस्म में कृत्रिम अंधकार द्वारा दीप्तिकाल को घटाकर पुष्पन का प्रेरण किया जा सकता है। इनको शीतत्रतु में अतिरिक्त प्रकाश देकर कायिक अवस्था में बनाए रखा जा सकता है।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    डॉ. एफ. वेन्ट ने निरीक्षण किया कि यदि प्रांकुर चोल को अलगकर उसे एक घंटे के लिए अगार में रखा जाये तो अगार एक झुकाव उत्पन्न करेगा, यदि उसे ताजे कटे हुए प्रांकुर चोल ठूंठ के एक ओर स्थापित किया जाय। इस प्रयोग का क्या महत्व है ?
    View Solution
  • 2
    सुसुप्तता तोड़ने के लिए नमी और निम्न तापमान में बीजों को संसाधित करना कहलाता है:
    View Solution
  • 3
    प्रकाश अनुवर्ती और गुरूत्वानुवर्ती गतियां किससे संबंधित हैं:
    View Solution
  • 4
    बीज सुसुप्तता का कारण है:
    View Solution
  • 5
    प्रतिकूल पर्यावरण परिस्थितियों में उत्पन्न होने वाला हार्मोन (तनाव-हार्मोन) कौन सा है:
    View Solution
  • 6
    मुख्यतः कोशिका-विभाजन से संबंधित हार्मोन है:
    View Solution
  • 7
    एबसिसिक अम्ल $( ABA )$ नियंत्रित करता है:
    View Solution
  • 8
    मूल परिवर्धन किसके द्वारा बढ़ाया जाता है?
    View Solution
  • 9
    शीत-क्रिया पर निर्भर पुष्पन है:
    View Solution
  • 10
    केले के फल को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए किसका उपयोग किया जाता है:
    View Solution