हमारे पर्यावरण में उपलब्ध वस्तुओं की रूपान्तरण-प्रक्रिया प्रकृति, प्रौद्योगिकी तथा संस्थाओं के परस्पर अन्तर्सम्बन्ध में निहित है। इनके केन्द्र में मानव है। मानव प्रौद्योगिकी द्वारा प्रकृति के साथ क्रिया करते हैं और अपने आर्थिक विकास की गति को तेज करने के लिए संस्थाओं का निर्माण करते हैं।