प्रथम कोटि की विभिन्न अभिक्रियाओं के अध्ययन की विधियों का वर्णन उदाहरण सहित कीजिए।
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स्वप्रयत्न
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अभिक्रिया $-2 A( g )+ B ( g ) \rightleftharpoons 2 C ( g )$ में पात्र का आयतन प्रारमिभक आयतन का $\frac{1}{3}$ करने पर अभिक्रिया वेग पर क्या प्रभाव होगा तथा आयतन में इस परिवर्तन से अभिक्रिया की कोटि में क्या परिवर्तन होगा?
A → B अभिक्रिया के लिए, अभिकारक की सांद्रता 0.05 M से 20 मिनट में परिवर्तित होकर 0.03 M हो जाती है। औसत वेग की गणना सेकंड तथा मिनट दोनों इकाइयों में कीजिए।
प्रथम कोटि की गैसीय अभिक्रिया A (g) → B(g) + C(g) के लिए वेग नियतांक के सूत्र $k=\frac{2.303}{t} \log \frac{P_i}{\left(2 P_i-P_t\right)}$ की व्युत्पत्ति कीजिए।
डाइमिथाइल ईथर के अपघटन से $CH_4, H_2$ और $CO$ बनती है, और अभिक्रिया की दर Rate $= k \left[ CH _3 OCH _3\right]^{3 / 2}$ से दर्शायी जाती है। अभिक्रिया की दर को एक बन्द पात्र में दाब बढ़ाकर डाइमिथाइल ईथर के आंशिक दाब के रूप में निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है। Rate $= k \left[ CH _3 OCH _3\right]^{3 / 2}$ अगर दाब को बार व समय को मिनट में ले तो दर व वेग स्थिरांक के मात्रक क्या होंगे ?
प्रथम कोटि अभिक्रिया की अर्धायु का सूत्र ज्ञात कीजिए तथा सिद्ध कीजिए कि प्रथम कोटि अभिक्रिया की अर्धायु अभिकारक की प्रारंभिक सांद्रता पर निर्भर नहीं करती।