राजनैतिक प्रतिस्पर्धा नुकसानदायी है। हर गाँव घर में बँटवारे जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। लोग आपस में बातचीत करते हुए कहते हैं कि ‘पार्टी पॉलिटिक्स’ ने हमारे घरों को बाँट दिया है। विभिन्न दलों के लोग एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाते हैं। चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। चुनाव जीतने की होड़ में सही किस्म की राजनीति बलि चढ़ जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि अच्छे लोग जो देश एवं समाज की राजनीति में सेवा भावना से आना चाहते हैं, उन्हें घोर निराशा होती है।