'राजस्थान को खनिजों का अजायबघर' कहा जाता है।' इस कथन को स्पष्ट करते हुए राजस्थान में प्रमुख खनिज आधारित लघु उद्योगों का उल्लेख कीजिए।
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राजस्थान खनिज की दृष्टि से एक सम्पन्न राज्य है। यहाँ अनेक प्रकार के खनिज मिलते हैं। यही कारण है कि राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है। खनिजों की विभिन्नता व बहुतायत के कारण ही यहाँ अनेक खनिज आधारित उद्योग विकसित हुए हैं। खनिज आधारित उद्योग-वे उद्योग जो खनिज एवं धातुओं को कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाते हैं, खनिज आधारित उद्योग कहलाते हैं। राजस्थान के प्रमुख खनिज आधारित उद्योग निम्नलिखित ,
रॉक फास्फेट उद्योग-राजस्थान में सर्वाधिक उपलब्ध खनिज रॉक फास्फेट है। देश का 90 प्रतिशत फॉस्फेट यहाँ। मिलता है। राजस्थान में उदयपुर, जैसलमेर, सीकर, बाँसवाड़ा जिलों में रॉक फास्फेट से संबंधित उद्योग संचालित हो रहे हैं।
सीसा-जस्ता उद्योग-सीसा-जस्ता भी राजस्थान में पाया जाने वाला प्रमुख खनिज है । उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, सवाई माधोपुर, अलवर में इससे जुड़े उद्योग
ताँबा उद्योग-राज्य में झुंझुनूं, उदयपुर, अलवर, सिरोही, बीकानेर, सीकर में ताँबे से जुड़े उद्योग चल रहे हैं।
टंगस्टन उद्योग-राज्य में नागौर, सिरोही और पाली में टंगस्टन उद्योगों का संचालन हो रहा है।
अन्य खनिज उद्योग-जिप्सम, अभ्रक, चूना पत्थर, लौह-अयस्क, मैंगनीज से जुड़े उद्योग भी राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
सोने-चाँदी तथा पीतल उद्योग-राज्य में सोने, चाँदी एवं पीतल के आभूषण विभिन्न नगरों एवं कस्बों में बनाए जाते हैं।
रत्न उद्योग-विभिन्न प्रकार के रत्नों की घिसाई, कटाई और पालिश एक प्रमुख कुटीर उद्योग बन गया है।
पत्थर उद्योग-राजस्थान में पत्थरों की कटाई, पालिश, एवं घिसाई से संबंधित कई लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास हुआ है। यहाँ संगमरमर, लाल पत्थर, पीला पत्थर, कोटा स्टोन एवं ग्रेनाइट उद्योग का विकास हुआ है।
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