दो द्रव A तथा B के मिश्रण में धनात्मक विचलन होने पर A-B आकर्षण A-A तथा B-B के मध्य आकर्षण की तुलना में दुर्बल होता है अर्थात् इस स्थिति में विलेय-विलायक अणुओं के मध्य अंतराआण्विक आकर्षण बल विलेय-विलेय और विलायक-विलायक अणुओं की तुलना में दुर्बल होते हैं। अतः इस प्रकार के विलयनों में से A अथवा B के अणु शुद्ध अवयव की तुलना में अधिक आसानी से निकल सकते हैं, जिसके कारण वाष्प दाब में वृद्धि होती है। उदाहरण-एथेनॉल तथा ऐसीटोन का मिश्रण। शुद्ध एथेनॉल में अणुओं के मध्य हाइड्रोजन बंध होते हैं। इसमें ऐसीटोन मिलाने पर इसके अणु एथेनॉल के अणुओं के बीच में आ जाते हैं, जिसके कारण इनके बीच पहले से उपस्थित हाइड्रोजन बंध टूट जाते हैं। इससे अंतरा आण्विक आकर्षण बल दुर्बल हो जाने के कारण यह मिश्रण राउल्ट के नियम से धनात्मक विचलन दर्शाता है।