रक्त कोशिकाँए उस विलयन में अपनी सामान्य आकृति बनायी रखती हैं, जो
[1991]
Download our app for free and get started
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
$25^{\circ} C$ पर क्लोरोफार्म $\left( CHCl _3\right)$ तथा डाइक्लोरोमेथेन $\left( CH _2 Cl _2\right)$ के वाष्प दाब $200 mm Hg$ तथा $41.5 mm Hg$ हैं। $25.5 g CHCl _3$ के तथा $40 g CH _2 Cl _2$ के मिलाने पर प्राप्त विलयन का वाष्प दाब उसी ताप पर होगा, $CHCl _3$ का अणु भार $=119.5 u$ तथा $CH _2 Cl _2$ का अणु भार $=85 u$ है)
बेंजीन एवं टॉलूर्डन के $1: 1$ आदर्श मोलर मिश्रण के संयोजन के लिये निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है, कल्पना करे कि तापमान $25^{\circ} C$ पर स्थिर है। (दिये गये दाब $25^{\circ} C$ पर बेन्जीन $=12.8 kPa$, टॉलूर्ईन $=3.85 kPa )$
सूक्रोज का $68.5 g$ जल के $1000 g$ में घुलाकर सूक्रोज (मोलर द्रव्यमान $=342 g mol ^{-1}$ ) का विलयन बनाया गया है। प्राप्त विलयन का हिमांक होगा।$\left(K_{ f }\right.$ जल $\left.=1.86 k kg mol ^{-1}\right)$.
सोडियम कार्बोनेट $Na _2 CO _3$ का $25.3 g$ पर्याप्त जल में घुलाकर $250 mL$ विलयन बनाया जाता है। यदि सोडियम कार्बोनेट पूरी तरह से घुल जाता है तो सोडियम आयन,
$Na ^{+}$और कार्बोनेट आयन, $CO _3^{2-}$ की मोलर सांद्रता होती है क्रमशः $\left( Na _2 CO _3\right.$ का मोलर द्रव्यमान $=106 g mol ^{-1}$ )