(d) उत्तरभावी अंगमारी बीमारी फाइटोपथोरा इन्फेस्टेन्स नामक कवक द्वारा होती है। उत्तरभावी अंगमारी में आलू या टमाटर की पत्तियों पर हल्के हर, पानी में डूबे हुए धब्बे दिखाई पड़ते हैं जो कि पत्तियों के सिरे और किनारों से शुरू होते हैं। वृत्ताकार या अनियमित पत्ती पर चोट/घाव धब्बे साधारणतः हल्के पीले-हरे बार्डर से घिरे रहते हैं जो कि स्वस्थ उत्तकों से मिल जाते हैं। ये धब्बे जल्द ही बड़े होकर गाढ़े भूर से बैंगनी-काले रंग में बदल जाते हैं। ज्यादा आर्द्रता तथा पत्ती गीली होने पर सफेद कवक का विकास पत्ती की निचली सतह पर धब्बों के किनारे दिखाई पड़ने लगता है। सूखे मौसम में संक्रमित पत्ती के ऊतक जल्द ही सूखने लगते हैं तथा सफेद कवक गायब हो जाता है। अगर मौसम में नमी बनी रही तो तने पर संक्रमित क्षेत्र भूरे से काले हो जाएंगे तथा वाहिनियां नष्ट हो जाएंगी।