सीलेजीनेला का जैव विकासीय लक्षण है
[1989]
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(a) सीलेजिनैला के जीवन चक्र में दो प्रकार के बीजाणु लघुबीजाणु तथा गुरूबीजाणु बनते हैं जिसे विषमबीजाणुक (हेटेरोस्पोरी) कहते हैं। इसका सीलेजिनैला के जीवन चक्र में जैव विकासीय महत्त्व है। क्योंकि हेटेरोस्पोरी से बीज का क्रमिक विकास हुआ है।
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