सलमा ने जो सोचा था क्या उसे वह पूरा कर सकती है? चर्चा करें।
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सलाम ने सोचा था कि इस बार बाढ़ नहीं आने की वजह से मखाना की उपज अच्छी होगी। उसने इसकी उपज पर काफी मेहनत भी की थी। फिर उसने सुना था कि मखाना का बाजार निरन्तर बढ़ रहा है। मखाना आधारित उद्योगों में मखाना से विभिन्न प्रकार कीमती उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, इसका लाभ उसे भी मिलेगा और उसे इस बार मखाने की अच्छी कीमत मिलेगी और अधिक पैसा मिलने पर वह अपने टूटे घर की मरम्मत भी करवा – लंगी और अगले साल बिंना कर्ज लिए ही मखाना ही खेती कर लेगी।
पर जब उसने आढ़तिया को अपना मखाना दिया तो आढ़तिया ने उसे 200 किलो मखाना के लिए 100 रु प्रति किलो के हिसाब से 2000 रु. दिए और उसने बताया कि मखाना का उत्पादन बहुत अच्छा हआ है. इसलिए मखाना का मूल्य नहीं बढ़ा । इस कारण अब वह अपना सोचा हुआ काम जैसे-घर की मरम्मत और बिना कर्ज के मखाने की खेती नहीं कर पाएगी। क्योंकि 20000 में से 15000 का खर्च उसे मखाना की खेती पर आया उसे सिर्फ 500 रूका फायदा हुआ।
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  • 1
    मखाना उत्पादक किसान एवं उनसे जुड़े मजदूरों के काम के हालात और उन्हें प्राप्त होने वाले लाभ या मजदूरी का वर्णन करें ? क्या आप सोचते हैं कि उनके साथ न्याय होता है?
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  • 2
    यहाँ दिये गये कथनों का सही क्रम में सजाएं और फिर नीचे बने गोलों में सही क्रम के अंक भर दें। प्रथम दो गोलों में आपके लिए पहले से ही अंक भर दिये गये हैं।
    1. सलमा मखाना उपजाती है।
    2. स्थानीय आढ़तिया पटना के थोक व्यापारी को बेचता है।
    3. आशापुर में मखाना का लावा बनवाने लाती है।
    4. खाड़ी देशों को निर्यात करते हैं।
    5. दिल्ली के व्यापारियों को बेचते हैं।
    6. मजदूर गुड़ियों को इकट्ठा हलते हैं।
    7. सलमा आशापुर के आढ़तियों को मखाना बेचती है।
    8. आशापुर में गुड़िया से लावा बनाया जाता है।
    9. खुदरा व्यापारी को बेचते हैं।
    10. उपभोक्ता को प्राप्त होता है।
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