संगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को नियमित रोजगार उपलब्ध होता है जबकि असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को रोजगार के सम्बन्ध में असुरक्षा रहती है।
संगठित क्षेत्रक में प्रायः सरकार का नियंत्रण होता है जबकि असंगठित क्षेत्रक में सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है।