तृतीयक क्षेत्रक में उन गतिविधियों को शामिल किया जाता है जो स्वतः वस्तुओं का उत्पादन नहीं करती हैं बल्कि उत्पादन प्रक्रिया में सहयोग करती हैं । इस क्षेत्रक में विभिन्न गतिविधियाँ वस्तुओं के बजाय सेवाओं का सृजन करती हैं अतः इस क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक भी कहा जाता है।