संसद की भूमिका
या
संसद के प्रमुख कार्य
संसद के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
(1) राष्ट्रीय सरकार का चुनाव करना-संसद के दो सदन हैं- (1) लोकसभा और (2) राज्यसभा । लोकसभा में जिस राजनीतिक दल का बहुमत होता है, उसका नेता राष्ट्रपति के सम्मुख सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत करता है और राष्ट्रपति उसे प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करता है तथा प्रधानमन्त्री की सलाह से वह अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है। इस प्रकार कार्यपालिका की नियुक्ति लोकसभा का एक महत्वपूर्ण कार्य होता है।
यदि लोकसभा में किसी एक राजनैतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाता है तो कई राजनैतिक दल मिलकर स्पष्ट बहुमत का निर्माण कर अपना नेता चुनते हैं और एक गठबंधन सरकार बना लेते हैं तथा साझा मुद्दों पर कार्य करते हैं।
(2) सरकार को नियंत्रित करना, मार्गदर्शन देना और जानकारी देना- प्रश्नकाल के माध्यम से सांसद सरकार के कामकाज के बारे में जानकारियां हासिल करते हैं। सवालों के माध्यम से सरकार को उसकी कमियों के प्रति आगाह किया जाता है। विपक्षी दलों के संसद सदस्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की कमियों को सामने लाते हैं और अपनी नीतियों के लिए जन समर्थन जुटाते हैं। सांसदों के प्रश्नों के चलते सरकार चुस्त बनी रहती है। इसके अतिरिक्त वित्त से संबंधित सभी मामलों में संसद की मंजूरी सरकार के लिए महत्वपूर्ण होती है। इस प्रकार संसद सरकार को नियंत्रित करती है, उसका मार्गदर्शन करती है और उसको सूचित करती है।
(3) कानून बनाना - भारतीय संसद देश की सर्वोच्च कानून निर्मात्री संस्था है। कानून बनाना संसद का एक महत्वपूर्ण कार्य है।