संविधान सभा के गठन के समय राजस्थान अनेक रियासतों में बँटा हुआ था। जबकि अजमेर-मेरवाड़ा प्रान्त सीधे ही ब्रिटिश शासन के अधीन था। संविधान सभा में राजस्थान के निवासी सदस्य निम्नलिखित थे|
1. मुकुट बिहारी लाल भार्गव: इनका जन्म 30 जनवरी, - 1903 को राजस्थान की उदयपुर रियासत में हुआ। ये वकील थे और राजबंदियों के मुकदमों की पैरवी करते थे। ये 'व्यक्तिगत सत्याग्रह' और 'भारत छोड़ो आंदोलन' में जेल भी गए। संविधान सभा में इन्होंने अजमेर-मेरवाड़ा प्रान्त का प्रतिनिधित्व किया।
2. माणिक्य लाल वर्मा: इनका जन्म 4 दिसम्बर, 1897 को भीलवाड़ा के बिजोलिया में हुआ। इन्होंने सत्याग्रह आंदोलन का अजमेर में संचालन किया और मेवाड़ प्रजामंडल के प्रथम अधिवेशन की 1941 ई. में अध्यक्षता की। ये 1948 ई. में वृहत्तर राजस्थान के प्रधानमंत्री व 1963 ई में राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रहे। श्री वर्मा को उदयपुर से संविधान सभा का प्रतिनिधित्व दिया गया।
3. जयनारायण व्यास: इनका जन्म 18 फरवरी, 1899 को जोधपुर में हुआ। 1927 ई. में 'तरुण राजस्थान' के प्रधान संपादक तथा 1936 ई. में 'अखंड भारत' के प्रकाशक रहे। ये 1951 ई.से 1956 ई. की अवधि में दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे । ये जोधपुर से संविधान सभा के सदस्य बने।
4. बलवंत सिंह मेहता: इनका जन्म 8 फरवरी, 1900 ई. को उदयपुर में हआ। ये 1938 ई. में प्रजामंडल के प्रथम अध्यक्ष बने। ये संविधान सभा के सदस्य के रूप में मूल संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले पहले राजस्थानी थे।
5. रामचंद्र उपाध्याय: ये प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व पेशे से वकील थे। इन्होंने अलवर रियासत के प्रतिनिधि के रूप में संविधान सभा की सदस्यता ली।
6. दलेल सिंह: इनका जन्म 18 मार्च, 1909 को हुआ। ये कोटा के महाराव के निजी सचिव व कानून के जानकार थे। इन्होंने कोटा के प्रतिनिधि के तौर पर 1946 से 1950 तक संविधान सभा में कार्य किया।
7. गोकुल लाल असावा: इनकी प्रारम्भिक शिक्षा शाहपुर के माध्यमिक विद्यालय में हुई। इन्हेंने कोटा के हार्वड कॉलेज में अध्यापन कार्य किया। बाद में अजमेर आ गये और क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण 1930 से 1932 के मध्य चार बार जेल जाना पड़ा। ये असावा शाहपुर (भीलवाड़ा) से संविधान सभा के प्रतिनिधि बने।
8. जसवंत सिंह: ये बीकानेर रियासत के महाराजा सार्दुल सिंह के प्रधानमंत्री थे। संविधान का निर्माण होने पर इन्होंने बीकानेर का प्रतिनिधित्व किया। बाद में इन्हें राज्यसभा का सदस्य भी मनोनीत किया गया।
9. राज बहादुर: ये पेशे से वकील थे। इन्होंने समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान हेतु कार्य किया तथा भरतपुर रियासत में बेगार प्रथा का विरोध किया। ये भरतपुर के प्रतिनिधि के तौर पर संविधान सभा में मनोनीत किए गए। ये केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे तथा नेपाल में भारत के राजदूत बनकर रहे।
10. हीरा लाल शास्त्री: इनका जन्म 24 नवम्बर, 1899 को जयपुर के जोबनेर कस्बे में हुआ। इन्होंने वनस्थली ग्राम में जीवन कुटीर के माध्यम से समाज सेवा किया। तत्पश्चात् जयपुर प्रजामंडल से जुड़े। ये अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद् के प्रधानमंत्री और बाद में राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने। संविधान सभा में जयपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए इन्होंने सभी नगारिकों के लिए समान अधिकार की वकालत की।
11. सरदार सिंह: इन्होंने संविधान सभा में खेतड़ी का प्रतिनिधित्व किया। ये 1950 से 1952 के बीच अस्थायी संसद के सदस्य भी रहे। 1952 से 1956 के मध्य राज्यसभा के सदस्य रहे। इन्हें 1958 से 1961 के बीच लाओस में भारतीय राजदूत बनाकर भेजा गया।