क्योंकि निर्मित प्रतिबिम्ब वास्तविक है, इसलिए प्रयोग किया गया लेन्स उत्तल लेन्स है। उत्तल लेन्स द्वारा बने प्रतिबिम्ब की लेन्स की दूरी घटती जाती है, क्योंकि लेन्स से वस्तु की दूरी बढ़ती जाती है। अतः भवन का स्पष्ट प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए पर्दे को लेन्स की ओर स्थानांतरित करना पड़ता है।
लेन्स की सन्निकट फोकस दूरी = 15 cm क्योंकि खिड़की के शीशे से आने वाली प्रकाश किरणें अनन्त से आती हुई मानी जाती हैं। ये प्रकाश किरणें उत्तल लेंसों द्वारा उनके फोकस (अर्थात् पर्दे) पर केन्द्रित होती है।